क्या आप जानते हैं टेस्टोस्टेरोन क्या है?यदि नहीं तो आज हम यहां इस विषय पर विस्तार से चर्चा करने वाले हैं।
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को सेक्स हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है जो पुरुषो में कामेच्छा का जिम्मेदार है। टेस्टोस्टेरोन एण्ड्रोजन के रूप में संदर्भित हार्मोन में से एक है, जिसे एनाबॉलिक स्टेरॉयड के रूप में भी जाना जाता है। यह हॉर्मोन सभी पुरुषों के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ के लिए यह लिए ज़रूरी होता है।
टेस्टोस्टेरोन पुरुषो की बॉडी में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पुरुषो के यौन जीवन और उस से जुडी इच्छाओं को मैसेंजर कि तरह दिमाग तक पहुंचाने का काम करता है।
जैसे जैसे पुरुषो का शरीर बढ़ता है वैसे-वैसे उनके अंदर कई बदलाब आने लगते हैं जैसे कि आवाज का भारी होना और बगल, छाती और जघन में बालों का बढ़ना आदि। 10 साल कि उम्र से लेकर 30 साल तक पुरुषो में टेस्टोस्टेरोन प्रोडक्शन में कमी आने लगती है।
सेक्स की बात करें तो बहुत से लोगों को इसकी सही जानकारी नहीं है कुछ को लगता है कि ज्यादा सेक्स करना सेहत के लिए नुकसानदायक होता है तो कुछ लोगों का मानना यह है कि सेक्स जितना करो उतना अच्छा है।
पुरुषो की सेक्स ड्राइव का पूरा काम शरीर में पाए जाने वाले मुख्य सेक्स हार्मोन यानि टेस्टोस्टेरोन का होता है। पुरुषों में, पुरुष यौन अंगों के विकास के लिए टेस्टोस्टेरोन की आवश्यकता होती है । इसके अलावा इस हार्मोन की वजह से ही पुरुषों के चेहरे पर बाल, मांसलता और यौन क्षमता के प्रभाव दिखाई देते हैं।

टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का क्या काम होता है? (testosterone function in males in hindi)
टेस्टोस्टेरोन क्या है? (testosterone meaning in hindi?) के बारे में जानने के बाद यह समझना भी बहुत जरुरी है कि आख़िरकार हमरे शरीर में इसका क्या काम है।
शरीर में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का बहुत जरुरी होता है (testosterone function in males in hindi) क्योंकि टेस्टोस्टेरोन सेक्स ड्राइव, शुक्राणु उत्पादन, मांसपेशियों की ताकत और हड्डियों के द्रव्यमान को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। टेस्टोस्टेरोन का एक स्वस्थ स्तर ऑस्टियोपोरोसिस जैसे हड्डियों की समस्याओं से भी बचाव करता है।
चूंकि कई शारीरिक कार्यों के लिए टेस्टोस्टेरोन की आवश्यकता होती है, इसलिए इसे हेल्दी स्वास्थ्य का संकेत माना जाता है और इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान द्वारा पुरुषों में सबसे महत्वपूर्ण हार्मोन बताया गया है।
टेस्टोस्टेरोन महिलाओं में हड्डियों की मजबूती और दुबली मांसपेशियों को बनाए रखने के साथ-साथ समग्र स्वास्थ्य और ऊर्जा के स्तर में योगदान करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह हार्मोन एक महिला की सेक्स ड्राइव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और सेक्स के दौरान यौन ओर्गेस्म को बढ़ाता है। हालांकि, महिलाओं द्वारा उत्पादित टेस्टोस्टेरोन का स्तर अभी भी पुरुषों द्वारा उत्पादित मात्रा से दस गुना कम है।
टेस्टोस्टेरोन लेवल अगर सामान्य से कम है तो इसकी पहचान कैसे करें?
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ती उम्र के साथ-साथ कम होता जाता है जो आपके स्वास्थ्य को नुकसान नहीं पहुंचता पर यदि यह शरीर में बिल्कुल बनना बंद हो जाएगा तो ये आपकी सेक्स लाइफ को तबाह कर सकता है।
इसलिए आपको अपने टेस्टोस्टेरोन लेवल का पूरा ख्याल रखने के लिए टैस्ट आदि करवाना चाहिए। क्योंकि हाइपोगोनाडिज्म वाले पुरुषों में, टेस्टिकल्स या पिट्यूटरी ग्रंथि में समस्या के कारण टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होने का कारण उत्पन्न होता है।
आमतौर पर चिकित्सक केवल हाइपोगोनाडिज्म के लिए मरीज का इलाज करने का निर्णय तब लेते हैं जब शरीर में रक्त टेस्टोस्टेरोन का स्तर 300 एनजी / डीएल से नीचे होता है । इसके अल्वा राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान द्वारा उल्लिखित निम्नलिखित लक्षण मौजूद हैं। जिसकी सहायता से आप आसानी से पहचान सकते हैं कि अगर टेस्टोस्टेरोन लेवल सामान्य से कम है तो इसकी पहचान कैसे करें?
नीचे कुछ निम्नलिखित लक्षण बताए है जिससे आप कम टेस्टोस्टेरोन लेवल की जाँच कर सकते हैं।
- अधिक थकान और सुस्ती महसूस करना
- डिप्रेशन,एंजाइटी, चिड़चिड़ापन
- यौन संबंध बनाने की इच्छा कम होना (low libido), नपुंसकता (erectile dysfuctions) की शिकायत
- ज़्यादा देर तक कसरत नहीं कर पाना और मजबूती में गिरावट
- दाढ़ी और मूंछों का बढ़ना कम हो जाना
- बहुत पसीना निकलना
- यादाश्त और एकाग्रता का कम होना
- बालों का अधिक झड़ना
ध्यान रखें यदि ज्यादा समय तक टेस्टोस्टेरोन लेवल कम रहता है तो यह इससे हड्डियों को नुक़सान पहुंचने का जोखिम बना रहता है। इससे हड्डियां कमज़ोर होती हैं और फ्रैक्चर आदि होने का खरता बढ़ जाता है। आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दें की टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में कमी की समस्या को हाइपोगोनडिज़म कहा जाता है। इसलिए इन दोनों शब्दों में कन्फ्यूज मत होना।
पुरुषो में टेस्टोस्टेरोन लेवल कितना होना चाहिए:-
टेस्टोस्टेरोन लेवल चेक करने के लिए इसकी जाँच करवानी चाहिए जिसे ब्लड टेस्ट के माध्यम से किया जा सकता है। अधिकतर विशेषज्ञों का मानना यह है कि प्रत्येक पुरुषो के शरीर में टेस्टोस्टेरॉन की नॉर्मल रेंज 300 से 1 हजार नैनोग्राम प्रति डेसीलीटर होनी चाहिए।

लेकिन जब टेस्टोस्टेरॉन का लेवल 300 से नीचे चला जाता है तो इसे ही टेस्टोस्टेरॉन लेवल की कमी माना जाता है। किशोरावस्था और युवाओं में यह हॉर्मोन तेजी से बढ़ता है लेकिन फिर बाद में जैसे-जैसे उम्र बढ़ने लगती है, इसके लेवल में भी कमी आने लगती है।
टेस्टोस्टेरोन लेवल का टेस्ट करवाने का ही टाइम सुबह के 7 बजे से लेकर 10 बजे तक का समय सही माना है इसके बाद किए जाने वाले टेस्ट में आपके टेस्टोस्टेरोन हार्मोन भी दिखाई दे सकते हैं तो कोशिश करें टेस्ट इसी समय के बीच करवाएं।
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन कमी के लक्षण (Symptoms of Testosterone Hormone Deficiency)
पुरुषों में, किशोरावस्था के दौरान टेस्टोस्टेरोन का स्तर चरम पर होता है और 30 साल की उम्र के बाद गिरावट शुरू हो जाती है। इससे शारीरिक ऊर्जा और कामेच्छा में एक उम्र के रूप में प्रगतिशील गिरावट आ सकती है। एक आदमी के 30 साल की उम्र तक पहुंचने के बाद हर साल टेस्टोस्टेरोन का स्तर लगभग 1% कम हो जाता है।
वैसे तो टेस्टोस्टेरोन लेवल कम (low testosterone level) होने का सबसे बड़ा कारण बढ़ती उम्र है जोकि स्वाभाविक है लेकिन इसके आलावा ऐसे बहुत से निम्नलिखित कारण होते हैं जिसकी वजह से आप इस समस्या का सामना करते हैं।
देखा जाए आज हमारे स्वास्थ्य को खराब करने वाली आधे से जायदा समस्याएं तो खराब लाइफ स्टाइल है जिसे अधिकतर लोग नजरअंदाज कर देते हैं।
आइए नीचे टेस्टोस्टेरोन हार्मोन कमी के लक्षण के बारे में जानते हैं:-
- टाइप 2 डायबिटीज के कारण
- मोटापे की शिकायत
- किडनी रोग की समस्या से ग्रस्त हैं तो
- एचआईवी एड्स
- ड्रग्स लेना या ज्यादा नशा करना
- टेस्टिकल्स इन्फेक्शन से परेशान होना
टेस्टोस्टेरोन लेवल का इलाज (testosterone treatment in hindi)
यदि आप अपने ऊपर ध्यान देना शुरू कर दें तो बड़ी से बड़ी समस्या का हल आसानी से किया जा सकता है जिसके बाद आप मेडिकल ट्रीटमेंट का विकल्प चुन सकते हैं।
टेस्टोस्टेरोन (testosterone meaning in hindi?) लेवल को बढ़ाने के लिए पहले आपको खुद के लाइफस्टाइल और अपने आहार पर जैसे खाने में ऑलिव ऑयल, साइट्रिक फल,अंडा,गोभी आदि खाने पर ध्यान देना चाहिए। इसके बाद भी अगर समस्या दिक्क्त बन रही है तो मेडिकल उपचार लेना चाहिए।
टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी
टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी हाइपोगोनाडिज्म के कुछ लक्षणों को सुधारने में मदद कर सकती है और इसे निम्नलिखित तरीकों से दिया जा सकता है जैसे -:

- इंट्रामस्क्युलर टेस्टोस्टेरोन इंजेक्शन (Intramuscular Testosterone Injections)
- टेस्टोस्टेरोन पैचेस (Testosterone patches)
- टॉपिकल टेस्टोस्टेरोन जेल (Topical Testosterone gel)
इन तीन तरीकों से पुरुषों में हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी को किया जाता है।
निष्कर्ष
टेस्टोस्टेरोन क्या है? (testosterone meaning in hindi?),इसके कारण क्या है, इसका उपचार कैसे किया जाता है आदि जानकारी को जानने के बाद उम्मीद है कि आपको इसका सारा प्रोसेस समझ आ गया होगा।
फिर भी आपको बता दें टेस्टोस्टेरोन लेवल एक समय के बाद कम होना बहुत स्वाभिक है। इसे एक बड़ी समस्या बनने से पहले ही आप इसे अपने मेंटल हेल्थ, खान-पान और हेल्दी लाइफस्टाइल से ठीक रख सकते हैं पुरुषों में कम टेस्टोस्टेरोन लेवल या अधिक टेस्टोस्टेरोन लेवल दोनों स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकते हैं इससे निपटने के लिए आप टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी का चुनाव कर सकते है।
यदि इसके बाद भी आप इस दिक्कत का सामना कर रहे हैं तो आपको किसी अच्छे सेक्सोलॉजिस्ट से बात करनी चाहिए।
यहाँ आप सेक्स संबंधित किसी भी सलाह या ज्ञान के लिए हमारे दिए गए +919310123344 / +919357738797 / +919781078210 इन नंबरों पर कॉल कर सकते हैं। हम आपकी सहायता के लिए हम साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट बुक करवा सकते हैं।
ध्यान रखें सेक्स समस्या चाहे कोई भी हो यह एक समस्या है जो आपकी तरह लाखों लोगों को होती है इसका सही उपचार ही सही समाधान है। इसलिए हम यह कहते हैं कि “समस्याएं हैं तो हल भी है” ।
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