एंग्जाइटी या डिप्रेशन आज के समय में एक आम समस्या है। इस समस्या से जुड़ी सबसे बुरी बात यह है कि आज डिप्रेशन या एंग्जाइटी का शिकार ज़्यादातर युवा पीढ़ी बन रही है। 

डिप्रेशन या एंग्जाइटी लेवल किसी एक खास आयुवर्ग के लोगों में नहीं बल्कि बच्चे, जवान, बुजुर्ग हर किसी में तेजी से बढ़ रहा है।

इसलिए आज हम इस अहम मुद्दे पर आपसे चर्चा करेंगे और आपको बताएंगे की आख़िरकार कैसे एंग्जाइटी या डिप्रेशन आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है? 

एंग्जाइटी या डिप्रेशन हमारी आम बोलचाल भाषा या सुनने में दोनों एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन इन दोनों शब्दों में बहुत ही बारीक़ सा अंतर है जो इन दोनों शब्दों को अलग से परभाषित करता है। जिसके बारे में आप नीचे पड़ेंगे।  

एंग्जाइटी या डिप्रेशन एक मानसिक बीमारी है। कुछ लोगों ने अगर महसूस किया हो तो यह शब्द ज्यादा कोरोना वायरस के समय से सुनाई दे रहा है। 

उस समय बहुत से लोगों ने अपने समान्य जीवन को बदलते हुए देखा जिस कारण ज्यादातर लोग एंग्जाइटी या डिप्रेशन कि समस्याओं के शिकार हो गए। 

एंग्जाइटी या डिप्रेशन के बढ़ते मामलों को देखकर एक अध्ययन किया गया उन रिपोर्ट के मुताबिक डिप्रेशन के शिकार आम तौर पर एंग्जाइटी के भी शिकार होते हैं।

यह एक बहुत ही खतरनाक समस्या है जिसका इलाज संभव है लकिन इसके लिए सबसे ज्यादा मुश्किल इस समस्या को समझना है। 

शुरुआती तौर इन समस्याओं को समझना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि यह बीमारी स्लो पोइसन की तरह होती है जो आपको धीरे-धीरे मौत तक लेकर जाती है। 

एंग्जाइटी और डिप्रेशन लगभग एक ही समान है इसमें आम तौर पर मरीज को नर्वसनेस, चिड़चिड़ापन, नींद ना आने की बीमारी, ध्यान ना लगना जैसी दिक्क्तों का सामना करना पड़ सकता है। 

आज के समय में एंग्जाइटी और डिप्रेशन एक अहम मुद्दा है और आप सब को इस से बाक़िफ़ होना बहुत जरुरी है, तो आइए इसे विस्तार से समझते हैं-

एंग्जाइटी (Anxiety)

अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि यार मुझे न एंग्जाइटी हो रही है लेकिन असल में उन लोगों यह तक नहीं पता होता कि यह बीमारी होती क्या है। लेकिन आज हम आपको इस शब्द से पूरा अवगत करवाएंगे-

एंग्जाइटी का मतलब होता है गहरी चिंता करना। जी हाँ यदि आपको एंग्जाइटी के सही लक्षणों की पहचान करनी है तो इसमें आपको डर लगता रहेगा।

या आपको आप हर वक्त किसी न किसी बात को लेकर परेशान रहेंगे और किसी भी वक्त एकदम से ही पैनिक हो जाएंगे। इसके आलावा कुछ लोगों को घबराहट या किसी भी बात  या डर से छुप-छुप कर रोना शुरू कर देते हैं।  

यदि आपको इस जानकारी को पढ़ने के बाद महसूस होता है कि मुझे भी अपने अंदर इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो दोस्तों आप एंग्जाइटी का शिकार हो सकते हैं। 

इसलिए आपको इसका इलाज समय रहते कर लेना चाहिए। क्योंकि यह आपके व्यवहार और आपके कामकाज़ पर बुरा असर डालता है। यह आपके अच्छे रिश्तों पर भी प्रभाव पड़ता है और कई मामलों में तो मरीज घर से भागने पर मजबूर हो जाता है।

डिप्रेशन (depression)

डिप्रेशन इस शब्द को बोलते ही कितने लोग इसे अपने साथ एक बीमारी की तरह जोड़ देते हैं। जो असल में सही भी है क्योंकि डिप्रेशन एक मानसिक बीमारी है। 

लेकिन क्या आप डिप्रेशन के शिकार हैं? इस बारे में आपको यह  जानकारी पढ़ने के बाद आभास हो जाएगा।  WHO के मुताबिक दुनियाभर में लभगग 264 मिलियन लोग इससे ग्रस्त हैं। 

जो यह कहते हैं कि ऐसे में हम अक्सर आने वाली चुनौतियों से हम घबरा जाते हैं और इससे हमारा मूड भी उसी हिसाब से रिएक्ट करने लगता है। 

इसमें हर वक्त मरीज को कुछ न कुछ खोन का डर लगा रहता है फिर चाहे वह आपके पर्सनल लाइफ से जुड़ी चीजें हों, प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी चीजें हों रिलेशनशिप को लेकर हो। 

इसके कुछ आम लक्षण हैं-  एनर्जी लेवल लो होना, आत्मविश्वास का खत्म होना, नींद न आना, हर समय अलग जॉन में रहना, निराश रहना आदि हो सकते हैं। 

यदि आपको भी इस तरह के लक्षणों का आभास होता है तो दोस्तों आपको समय रहते किसी अच्छे मनोविज्ञानिक चिकत्स्क के पास जाना चाहिए। 

एंग्जाइटी और डिप्रेशन दोनों ऐसी मानसिक बीमारियां हैं जो आपके दिमाग और शरीर के साथ-साथ आपके यौन स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती हैं। 

आइए जानते हैं यह आपके स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता हैं-

एंग्जाइटी और डिप्रेशन करता है स्वास्थ्य को प्रभावित:-

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि एंग्जाइटी और डिप्रेशन मानसिक समस्या है लेकिन यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बहुत बुरा प्रभाव डालता है जैसे:- 

वजन बढ़ना या वजन कम होना

अक्सर हम कहते हैं कि यार इस भागदौड़ भरी जिंदगी में स्ट्रेस हो गया है, यही स्ट्रेस खुश समय बाद डिप्रेशन का कारण बनता है। डिप्रेशन का लेवल हर किसी में अलग-अलग होता है जिसका असर आपके शरीर पर पड़ता है। 

किसी को इस स्थिति में बिल्कुल भूख नहीं लगती तो किसी को बहुत भूख लगती है इसलिए इसका असर आपके वजन पर पड़ता है या तो यह कम होगा या बड़ जाएगा। 

हृदय सम्बंधित बीमारियों का खतरा 

किसी भी विषय के बारे में जरूरत से ज़्यादा सोचना या डिप्रेशन से पीड़ित होना आपके दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा पैदा करती हैं।  इसलिए हदय को स्वस्थ रखने के लिए आप मेडिटेशन या व्यायाम करते रहें। 

आपको बता दें कि अधिक तनाव,एंग्जाइटी और डिप्रेशन सीधा-सीधा दिल की बीमारियों को ट्रिगर कर सकता है। इसलिए समय पर सही डॉकटर से मिलें। 

यौन स्वास्थ्य पर बुरा असर 

एंग्जाइटी या डिप्रेशन आपके जीवन को कई कारकों से प्रभावित करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपके यौन स्वास्थ्य (sexual health) पर भी असर डालता है ? जी हां, यह सच है। 

एंग्जाइटी या डिप्रेशन शादीशुदा जीवन में कई अड़चने पैदा कर सकता है जिसका सबसे पहला असर कपल के यौन स्वास्थ्य पर पड़ता है। 

एक शोध से पता चला है कि यदि आप क्रोनिक डिप्रेशन से पीड़ित हैं, तो आपको इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी यौन समस्या होने की संभावना अधिक होती है। साथ ही, डिप्रेशन का इलाज करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं भी आपकी कामेच्छा यानी लिबिडो पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।

इन समस्याओं से बचने के लिए आपको किसी अच्छे गुप्त रोग विशेषज्ञ से मिलने की आवश्यकता होगी यदि आप खुद चलकर डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहते हैं तो ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक करवा सकते हैं। 

अंत में हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आपकी पूरी तरीके से मदद हो पाएगी यदि आपको कोई बीमारी है तो आप शर्म या संकोच ना करें। यह सिर्फ एक बीमारी है और किसी को भी हो सकती है। हमारा केवल यह ही मुख्य उद्देश्य है कि आप अपनी लाइफ का आनंद लेते रहें और अपनी जिंदगी को खुशियों के साथ जिएं। धन्यवाद 

Categorized in: